Ekta Gupta

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लेखनी प्रतियोगिता -18-Jun-2023 पितृ दिवस

नमन श
विषय -- पितृ दिवस 

सुनो सुनो जी एक कहानी
मेरे पापा हैं मेरे जीवनदानी।
सारे जहां से हैं मेरे पापा न्यारे
जान से भी ज्यादा मुझको प्यारे।
उंगली पकड़ के चलना सिखाया
कांधे पर बैठा कर जहां दिखाया ।
शिक्षा का था अनूठा दीप जलाया
सही ग़लत का हमें पाठ पढ़ाया।
खुद को मेहनत मजदूरी में लगाया
संयुक्तता की डोर से परिवार बनाया।
खुद के लिए पापा मेरे कभी न जीते
हम सबकी खुशियों में ही रहते रीझे ।
बड़े बुजुर्गों की सेवा करना बखूबी सिखाया
धर्म संस्कृति से हमारी पहचान कराया ।
मेहनत और लगन से कभी न घबराना
मेहनत से जी कभी भी न चुराना ।
कठिन परिश्रम का सदा पहनाया गहना
मेरे पापा जी है यही तो कहना।
कभी भी कदम लाडो गर डगमगाएं
हर मुश्किल का हल ईश्वर समझाए ।
झूठ से कभी भी न करना यारी 
सच के साथ रह सीखो ईमानदारी ।
एकल परिवार बेशक बसने लगे होंगे
लेकिन हम सब सदा संयुक्त रहेंगे ।
मनमुटाव कभी भी होने न पाए 
सम्मान देकर सबसे सम्मान पाएं ।
नैतिकता मानवता की मिशाल है बनना 
नाम के अनुरूप रिश्तों में एकता कायम रखना ।
जीवन के हर पड़ाव पर बंधवाई ऐसी गांठ
चुनौतियों से लड़ने के लिए सिखाए अमिट पाठ ।
है मुझमें पापा इतना सामर्थ्य कहां ?
तेरी ही लिखावट हूं मैं पापा, आप पर लिखूं क्या ?
जब रहेगी मेरे पापा मेरी जिंदगी
करती रहूंगी पापा आपकी बंदगी ।

स्वरचित एवं मौलिक रचना
---✍️ एकता गुप्ता 'काव्या'
 उन्नाव उत्तर प्रदेश

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1 Comments

Punam verma

19-Jun-2023 12:08 AM

Very nice

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